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“विकसित कृषि संकल्प अभियान” का देशभर में शुभारंभ, भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और किसानों को सशक्त करने का लक्ष्य

"विकसित कृषि संकल्प अभियान" का देशभर में शुभारंभ, भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और किसानों को सशक्त करने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने किया शुभारंभ, 15 दिनों तक चलेगा अभियान

नई दिल्ली, 29 मई 2025 – केंद्र सरकार ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि को आधुनिक बनाना, किसानों को सशक्त करना और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पूरा करना है। यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा, जिसमें कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की 2,000 से अधिक टीमें देशभर के 65,000 गाँवों में जाकर किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ेंगी।

क्या है विकसित कृषि संकल्प अभियान?

यह अभियान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) का संयुक्त प्रयास है। इसके तहत:

  • किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, ड्रोन तकनीक, जैविक खेती और जल संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा।

  • वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा।

  • 1.5 करोड़ किसानों तक पहुँचने का लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:

“यह अभियान भारतीय कृषि को वैज्ञानिक और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमें किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है, कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है और भारत को वैश्विक खाद्य आपूर्ति का केंद्र बनाना है।”

उन्होंने जलवायु परिवर्तन, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट और कम पानी में अधिक उत्पादन जैसी चुनौतियों से निपटने पर भी जोर दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने ओडिशा से किया शुभारंभ

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुरी, ओडिशा से इस अभियान का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि:

  • वैज्ञानिक खरीफ फसलों के लिए नई तकनीकों पर किसानों को प्रशिक्षित करेंगे।

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

  • किसानों की फीडबैक लेकर भविष्य की कृषि नीतियाँ बनाई जाएँगी।

दिल्ली में कपिल मिश्रा ने किसान संवाद शिविरों का किया आयोजन

दिल्ली में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने 50 स्थानों पर किसान संवाद शिविर लगाए, जहाँ वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधी चर्चा हुई। उन्होंने उर्वरकों की कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई का भी ऐलान किया।


अभियान का मुख्य उद्देश्य

  • किसानों की आय दोगुनी करना।

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।

  • सतत कृषि को बढ़ावा देना।

  • किसानों और वैज्ञानिकों के बीच सीधा जुड़ाव स्थापित करना।

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